अमेरिकी टैरिफ पर बोले राजन – भारत को चाहिए नई रणनीत“अमेरिकी टैरिफ पर बोले राजन – भारत को चाहिए नई रणनीति
ट्रंप टैरिफ पर बोले रघुराम राजन: छोटे निर्यातकों पर पड़ेगा असर, भारत को चाहिए नई रणनीति

भारत पर अमेरिका द्वारा लगाए गए 50% टैरिफ को लेकर रिज़र्व बैंक के पूर्व गवर्नर और मशहूर अर्थशास्त्री रघुराम राजन ने गहरी चिंता जताई है। उनका कहना है कि इस फैसले से खासकर झींगा पालन करने वाले किसान और कपड़ा उद्योग से जुड़े छोटे निर्यातकों की आजीविका पर बड़ा खतरा मंडरा रहा है।
राजन ने चेतावनी दी कि अगर भारत ने किसी एक देश पर अपनी व्यापारिक निर्भरता कम नहीं की, तो भविष्य में ऐसे झटके बार-बार झेलने पड़ सकते हैं।
क्या कहा राजन ने?
इंडिया टुडे टीवी से बातचीत में राजन ने कहा –
👉 “यह एक चेतावनी है। हमें किसी एक देश पर ज़्यादा निर्भर नहीं रहना चाहिए। हमें यूरोप, अफ्रीका और एशियाई देशों की ओर भी देखना होगा। साथ ही ऐसे सुधार लाने होंगे जिससे भारत 8% से 8.5% की विकास दर हासिल कर सके और युवाओं को रोज़गार मिले।”
उन्होंने साफ कहा कि आज की दुनिया में व्यापार, निवेश और वित्त को हथियार की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है। ऐसे में भारत को बेहद सतर्क रहकर आगे बढ़ने की ज़रूरत है।
रूसी तेल पर भी उठे सवाल
अमेरिका ने यह टैरिफ भारत द्वारा रूसी तेल खरीदने पर लगाया है। राजन का मानना है कि सरकार को इस नीति की समीक्षा करनी चाहिए।
उन्होंने कहा – “रिफाइनर इस नीति से भारी मुनाफा कमा रहे हैं, लेकिन इसकी कीमत हमारे निर्यातक टैरिफ देकर चुका रहे हैं। अगर फायदा बहुत ज़्यादा नहीं है, तो हमें सोचना चाहिए कि क्या यह खरीद जारी रखनी चाहिए।”
संकट में छुपा अवसर
राजन ने इस पूरे घटनाक्रम को भारत के लिए एक अवसर भी बताया। उनके मुताबिक,
👉 “चीन, जापान, अमेरिका सभी के साथ व्यापार करें, लेकिन उन पर निर्भर न रहें। विकल्प हमेशा खुले रखने चाहिए और जहाँ तक संभव हो आत्मनिर्भरता बढ़ानी चाहिए।”
संरचनात्मक सुधार ज़रूरी
राजन ने कहा कि भारत को व्यापार में आसानी, वैश्विक सप्लाई चेन में एकीकरण और घरेलू कंपनियों में प्रतिस्पर्धा बढ़ाने पर काम करना चाहिए। तभी देश लंबी अवधि में मज़बूत बन पाएगा।
📌 कुल मिलाकर, रघुराम राजन का संदेश साफ है:
“अत्यधिक निर्भरता छोड़ो, विविधता लाओ और संरचनात्मक सुधार करो। तभी भारत वैश्विक चुनौतियों से निपट पाएगा।”